*भक्ति से भक्त व भगवान दोनों प्रसन्न-नवजीत भारद्वाज*
मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मा पिंड चौक जालंधर में मां बगलामुखी जी के निमित्त सम्पूर्ण फलदाई मासिक हवन यज्ञ सम्पन्न
जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मा पिंड चौक जालंधर में मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध सम्पूर्ण फलदाई मासिक हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। सर्व प्रथम ब्राह्मणों ने पंचोपचार,षोढषोपचार, नवग्रह,कुंभ पूजन इत्यादि सम्पन्न करवा मुख्य यजमानो से विधि विधान से पूजन करवाया।
मां बगलामुखी धाम के मुख्य सेवादार नवजीत भारद्वाज ने हवन-यज्ञ उपरांत उपस्थित संगत से अपनी बात कहते हुए कहा कि
ईश्वर भक्ति सरल व साधारण नहीं। बहुत ही त्यागमय साधना है। भगवान की भक्ति वहीं करता है, जो भगवान से प्रेम करते हैं। जिसे भगवान से प्रेम है, वहीं भक्त है। भगवान की भक्ति करने हेतु जीवन को दाव पर लगाना पड़ता है। जिसे भगवान पर अटल विश्वास है, वहीं भगवान की भक्ति करता है और अंतत: भक्ति मार्ग पर टिका रहता है। भक्ति राजमार्ग है, जिस पर चलकर भगवत्-दर्शन का अलौकिक सुख मिलता है। जिसे भगव्त दर्शन का सुख प्राप्त होता है, वह संसार के किसी सुख के पीछे नहीं दौड़ता। इस सुख के समक्ष उसे सब तुच्छ लगता है। जो इसका एक बार रसास्वादन कर लेता है, वह कभी सांसारिक कामना, वासना में ध्यान कदापि नहीं भटकाता। भक्ति से मोक्ष मिलता है, भवसागर से पार होते हैं। भटकाव दूर होते हें। जीवन के उद्देश्य पूर्ण करने में भक्ति से बड़ा कार्य कुछ नहीं। भक्ति अमूल्य धन व अक्षय शाश्वत पूंजी है। जो जन्म-जन्म तक काम देती है। भक्ति त्याग व प्रेम से मिलती है। भक्ति में भगवान के प्रति श्रद्धा, विश्वास, समर्पण होना आवश्यक है। इसके बिना भक्ति की कल्पना व ईश्वर दर्शन का स्वप्र पूर्ण नहीं होता। ईश्वर भक्ति संसार में सर्वोपरि है। भक्ति में बहुत शक्ति है। यह शक्ति संसार में कल्याण हेतु काम आती है। जीवन में कल्याण के समस्त मार्ग बंद दिखते हैं तो भक्ति के मार्ग से जीवन के उत्थान व सुरक्षा का मार्ग प्रशस्त होता है। भक्ति जीवन का असली धर्म है। भक्त को भगवान पर भरोसा होता है। भक्त का अपना कोई नहीं, सिर्फ भगवान सहारा होते हैं। भक्ति से भक्त व भगवान दोनों प्रसन्न होते हैं। भक्ति से भक्त का उद्धार व बेड़ा पार होता है।
इस अवसर पर श्री कंठ जज, राकेश प्रभाकर, अमरजीत सिंह, मनमोहन भट्टी,शिव कुमार घीर,अमरेंद्र कुमार शर्मा, प्रदीप घीर,अशोक कुमार, मुनीश शर्मा, जोगिंदर सिंह, अवतार सैनी, केतन शर्मा, अभिलक्षय चुघ,सौरभ अरोडा, पूनम प्रभाकर, सरोज बाला, बलजिंदर सिंह,उदय, नवदीप, अजीत कुमार, संजीव शर्मा, राजेश महाजन,बावा खन्ना, दिशांत शर्मा,प्रिंस,हैरी शर्मा, गुरप्रीत सिंह, डॉ मुकेश गुप्ता, एडवोकेट राज कुमार, राकेश राणा, प्रताप सिंह आदि मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।