*हरड़ का थोड़ा सा पाउडर ऐसे उपयोग करें तो… बाल और दांत दोनों चमकने लगेंगे*
हरड़ को आयुर्वेद में बहुत उपयोगी माना गया है। यह त्रिफला के तीन फलों में सबसे गुणकारी माना गया है। बाजार में दो प्रकार की हरड़ मिलती है। बड़ी हरड़ और छोटी हरड़। हरड़ पेड़ के वे फल हैं जो गुठली पैदा होने से पहले ही गिर पड़ते हैं। हरड़ में एस्ट्रिन्जेन्ट, टैनिक अम्लए गैलिक अम्ल, चेबूलीनिक अम्ल और म्यूसीलेज । रेजक पदार्थ हैं एन्थ्राक्वीनिन जाति के ग्लाइको साइड्स। इसके अलावा हरड़ में दस प्रतिशत जल, 13.9 से 16.4 प्रतिशत नॉन टैनिन्स और शेष अघुलनशील पदार्थ होते हैं।इसके अलावा इसमें वैज्ञानिकों के अनुसार ग्लूकोज, सार्बिटाल, फ्रक्टोस, सुकोस, माल्टोस एवं अरेबिनोज हरड़ के प्रमुख कार्बोहाइड्रेट हैं। इसमें 18 प्रकार के अमीनो अम्ल पाए जाते हैं। हरड़ इतने गुणों से भरपूर है लेकिन अधिकांश लोग इसके प्रयोग नहीं जानते तो अगर आप भी उन्हीं लोगों में से एक हैं तो आइए हम बताते हैं आपको हरड़ के कुछ अचूक प्रयोग।
कब्ज के इलाज के लिए हरड़ को पीसकर पाउडर बनाकर या घी में सेकी हुई हरड़ की डेढ़ से तीन ग्राम मात्रा में शहद या सैंधा नमक में मिलाकर लेना चाहिए।
अतिसार होने पर हरड़ गर्म पानी में उबालकर प्रयोग की जाती है।
हरड़ का चूर्ण, गोमूत्र तथा गुड़ मिलाकर रात भर रखने और सुबह यह मिश्रण रोगी को पीने के लिए दें,इससे बवासीर तथा खूनी पेचिश आदि बिल्कुल ठीक हो जाते हैं।
लीवर, स्पलीन बढऩे की या पेट में कीड़ों की समस्या हो तो दो सप्ताह तक लगभग तीन ग्राम हरड़ के चूर्ण का सेवन करना चाहिए।
हरड़ का चूर्ण दुखते दांत पर लगाने से भी तकलीफ कम होती है।
एलर्जी से परेशान लोग हरड़ फल और हल्दी से तैयार लेप लगाएं।जब तक एलर्जी खत्म न हो जाए तब तक लेप जारी रखें।
हरड़ के फल को नारियल तेल में उबालकर लेप बनाएं और बालों में लगाएं। हरड़ के उपयोग से बाल काले और चमकीले बनते हैं।
हरड़ का लेप पतले छाछ के साथ बनाकर गरारे करने से मसूढ़ों की सूजन में भी आराम मिलता है।