वाल्मीकि समाज के परिवार को जाति की वजह से अपनी बेटी की शादी करने के लिए नहीं मिल रहा मैरिज हॉल, परिवार ने की (सी,एम) योगी से की शिकायत
क्या वाल्मीकि समाज में पैदा होना कोई गुनाह है?
उत्तर प्रदेश: (ब्यूरो)भले ही भारत देश को आजाद हुए काफी साल हो गए लेकिन अभी भी जात पात का कीड़ा खत्म नहीं हुआ, ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से आया है जहां वाल्मीकि समाज को बेटी की शादी के लिए मैरिज हाल की बुकिंग न करने से काफ़ी परेशानी हो रही है। सोशल मीडिया एक्स पर एक शिकायती पत्र जमकर वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि वाल्मीकि समाज की बेटी का विवाह होना है। इसके लिए कोई मैरिज हॉल देने के लिए तैयार नहीं है। इधर वायरल हो रहे शिकायती पत्र के मामले की सच्चाई से संबंधित जांच पुलिस ने शुरू कर दी है।
बदायूं जिले के सहसवान तहसील क्षेत्र के उप जिलाधिकारी के नाम से एक्स पर यह शिकायती पत्र वायरल है। वायरल पत्र में दावा किया गया है कि अच्छन लाल पुत्र आगन लाल निवासी मोहल्ला नीची निन्होर तहसील सहसवान के रहने वाले है और वो अनुसूचित जाति से वाल्मीकि हैं। अच्छन लाल की बेटी की बारात 4 फरवरी 2025 को सहसवान आएगी। विवाह समारोह संपन्न करने के लिए उन्हें मैरिज हॉल की आवश्यकता है।
बेटी की शादी के लिए मैरिज हॉल बुक करने के लिए अच्छन लाल ने सहसवान के कई मालिकों से संपर्क साधा। हालांकि जाति पूछकर मैरिज हाल देने से उन्हें मना कर दिया गया। अच्छन लाल के शिकायती पत्र मुताबिक के मुताबिक अन्य जातियों के लोगों से उसी डेट में बुकिंग के लिए संपर्क किया तो उक्त मैरिज हाल में बुकिंग की अनुमति मिल गई।अच्छन लाल ने 21वीं सदी में जातिवादी मानसिकता की बात कहते हुए एसडीएम सहसवान से उक्त मामले की जांच कराने की मांग की। बेटी का विवाह समारोह संपन्न कराने के लिए कोई बरात घर दिलाने की गुहार लगाई है।
*सीएम योगी से की शिकायत*
जिले की सहसवान पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद आवश्यक विधिक कार्यवाई की जाएगी। पीड़ित अच्छन लाल के वायरल शिकायती पत्र में दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया। काॅल उनके बेटे अरूण कुमार ने उठाई। बताया कि बहन की शादी चार फरवरी के लिए होनी है। मैरिज हॉल बुक करने के लिए जहां भी पहुंचे, वहां जाति पूछकर मना कर देते है। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एसडीएम सहसवान और पुलिस से की है. अब देखना यह है के यूपी सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले को कहां तक लेकर जाता है।