ब्राह्मणों पर जाट नेता के बयान ने पकड़ा तूल
जयपुर (ब्यूरो)जयपुर में गत 5 मार्च को हुए जाट महाकुंभ में समाज के नेता युद्धवीर सिंह द्वारा ब्राह्मणों के बारे में अनर्गल बयान देने के मामला ने तूल पकड़ लिया है। सर्व ब्राह्मण महासभा ने जाट महासभा से युद्धवीर सिंह के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग की है।
ब्राह्मण महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बयान जारी कर कहा है कि जाट महाकुंभ के मंच से भगवान राम, मंदिर, मूर्ति व पंडितों का नाम लेकर मखौल उड़ाया गया। अब जाट महासभा ब्राह्मणों के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी करने वाले जाट महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह के खिलाफ कठोर कार्यवाही करे।
दिनेश शर्मा ने बताया कि कोई समाज अपना सम्मेलन करें, आपत्ति नहीं है, लेकिन दूसरे समाज की बुराई करने का हक किसने दिया। जाट और ब्राह्मणों में कोई मतभेद नहीं है, फिर भी जाट महासभा के नेता द्वारा खुले मंच पर कहा गया कि मंदिर जाना, मूर्ति पूजा करना, जल चढ़ाना, राम की पूजा करना सब ढोंग-पाखंड है। उन्होंने मूर्ति स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठा दिए कि अगर मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है तो ऐसा करने वाले पंडित अपने मरे हुए मां-बाप में प्राण क्यों नहीं डालते। जाट नेता ने भगवान राम, मंदिर, मूर्ति व पंडितों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की और ब्राह्मण समाज पर अशोभनीय कटाक्ष किये, इससे मेरी निजी धार्मिक व सामाजिक भावना आहत हुई है। बयान में दिनेश शर्मा ने आगे कहा, जाट समाज सदैव से ही देवी-देवता व ब्राह्मणों का सम्मान करता है। शेखावाटी में सारे बडे धार्मिक आयोजन बिना जाट समाज के संभव नहीं है। गांवों में जाट व ब्राह्मण की जोडी मानी जाती है। ऐसे में एक व्यक्ति जो जाट महासभा का महासचिव है, उसके द्वारा ऐसी भाषा का उपयोग करना सरासर गलत है। सर्व ब्राह्मण महासभा, जाट महासभा से मांग करती है की इस व्यक्ति को जाट महासभा से बर्खास्त किया जाए और जाट व ब्राह्मणों के बीच सौहार्द बिगाड़ने वाले के लिए इस नेता को जाट समाज से बहिष्कृत किया जाए।